Wednesday 5 February 2014

कल क्लास में मज़ा आया और फिर दिन में लंच भी अछा था और शाम को टॉक भी बढ़िया था।  लोगो के पास बहुत सवाल थे और लोगों के सवालों ने विलियम को थोडा परेशां भी कर दिया।  समह  कम था और सवाल बहुत थे।  टॉक का शीर्षक और विलियम का शोध बहोत रोचक है और दिलचस्प बात यह है कि इस काम से शायद सब को दिलचस्पी होगी।
मालूम नहीं ५० शब्द हो गए या नहीं।  यह बहुत बड़ा ज़ुल्म है हम लोगों के ऊपर के यह ब्लॉग लिखना है।  यह कैसी लीला है अगर आप के पास कुछ लिखने को नहीं है या आप का दिल नहीं चाह रहा है कुछ लिखने का या कुछ भी करने का मन नहीं है।  मगर नहीं। … हम को लिखना है।  हंस कर लिखना है या रो कर लिखना ही तो बस लिखना है और इस से कोई बचने का रास्ता भी तो नहीं है कि लिखो। 

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