Thursday 23 January 2014

वाजिद अली शाह

अवाध का इतीहास बहुत हाथों से बनाया गया है। अब अवाध और उसका सबसे बड़ा शहर उत्तर परदेश में हैं। १९४७ के पहले, बहुत राजा, रानी, या राजकुमार अवाध के ऊपर थे। उनसे, अवाध के नवाब सबसे मशहूर हैं। वे नवाब एक सौ से ज़्यादा राजा थे।   ब्रिटिश कंपनी राज समय में, लखनाऊ के नवाब वाजिद अली शाह थे। इस वक्त पर, सब बाकी प्रदेश ब्रिटिश के नीचे थे। मुझे यह थोड़ा-सा अजीब लगता है, पर ब्रिटिश के लिये अवध का बरकरार ज़रूरी था, क्योंकि अवध के पिछे,1856 में  वाजिद अली शाह को लखनाऊ से निकलना पड़ता था क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने उनको निकाल दिया था। निकालने के बाद, वे कोलकाता गये, और उसके देहान्त तक वहाँ रहते थे। 1857 का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के बाद, उनके बेटे नवाब थे, लेकिन आधा या एक ही साल तक।

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